लक्सर (फ़रमान खान) नगर निकाय में चैयरमैन, नगर पालिका लक्सर और नगर पंचायत सुल्तानपुर अध्यक्षों की आरक्षण की सूची शनिवार को जारी हो गई है। अब क्या बनेंगे नए समीकरण नगर पालिका लक्सर- अनुसूचित नगर पंचायत सुल्तानपुर-अन्य पिछड़ा वर्ग घोषित की गई है।आरक्षण ने बदला कस्बे की सरकार का समीकरण निकाय चुनाव में अध्यक्ष पदों का आरक्षण जारी होते ही कई पार्टियों का समीकरण बदल गया है।

वहीं कई चर्चित चेहरे चुनाव लड़ने से पहले ही मैदान से बाहर हो गए हैं।लक्सर में 2017 में हुए निकाय चुनाव में चेयरमैन सीट का चुनाव अनारक्षित घोषित किया गया था। लेकिन इस बार शासन ने लक्सर नगर पालिका चेयरमैन की सीट अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित कर दी है, जिससे मैदान में उतरने वाले कई प्रत्याशी चुनाव लड़ने से पहले ही मैदान से बाहर हो गए हैं। अब आरक्षण सूची आने के बाद इतिहास बदलने के संकेत हैं। इसके पीछे महाभारत कालीन ऐतिहासिक के परिदृश्य के साथ-साथ वार्ड़ों को नई सियासत होगी। 2017 के चुनाव के लिए नगर पालिका के दायरे के साथ-साथ इस बार मतदाताओं की भी संख्या में करीब दो हजार का इजाफा हुआ है। लक्सर नगर में इस बार भी अनारक्षित या ओबीसी सीट का अंदाजा लगाया जा रहा था, जिसके लिए भाजपा सहित अन्य पार्टियों के कार्यकर्ता पिछले कई महीनों से तैयारी में जुटे थे। लेकिन अनुसूचित जाति का आरक्षण निर्धारित होते ही उनके मंसूबों पर पानी फिर गया है। अब मतदाताओं का घालमेल सही नहीं हुआ तो सियासी विचारधाराएं टकराती नजर आएंगी।

आरक्षण जारी होते ही सुल्तानपुर नगर पंचायत सीट पर नए इतिहास की पृष्ठभूमि भी तैयार होने लगी जनसंख्या से मतदाताओं की संख्या बड़ गई। प्रत्येक वार्ड में मतदाता दो सौ से तीन सौ के से ऊपर पहुंच गए। अब इनको एक साथ साधने में सभासद और चेयरमैन पद के संभावित प्रत्याशी नए सियासी सूरमाओं को पसीने छूटते से दिखाई देंगे। नगर पंचायत सुल्तानपुर का आरक्षण जारी होते ही कई प्रत्याशियों के चेहरे खिल उठे हैं, तो वहीं कई को मायूसी हाथ लगी है। नगर पंचायत सुल्तानपुर अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गई है।नगर पंचायत सुल्तानपुर की सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के खाते में जाते ही तैयारी में जुटे कई प्रत्याशियों को मायूसी हाथ लगी है।

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