इतेश धीमान…. ✍️
लक्सर की पीड़ा: जागो, अपने भविष्य के लिए सही निर्णय लो
लक्सर, कभी एक आधुनिक नगर हुआ करता था, शुगर मिल और लोको के चलते लोग रोजगार के लिए बाहर से यहां पर आकर बसे और यही के होकर रह गए। लेकिन आज यह नगर राजनीतिक ध्रुवीकरण और विकास के वादों की बलि चढ़ रहा है। हर चुनाव में उम्मीदवार बदलते हैं, पार्टी की रणनीतियां बदलती हैं, लेकिन नहीं बदलता तो लक्सर का हाल। सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक और राजनीतिक पिछड़ेपन की पीड़ा झेलता यह नगर आज एक नई उम्मीद की तलाश में है।
राजनीतिक उछल-कूद के चलते लक्सर ये हुई दुर्दशा
वर्तमान चुनाव में राजनीतिक दलों के दांव-पेंच ने जनता को भ्रमित कर दिया है। कांग्रेस से जगदेव सिंह, भाजपा से देवेंद्र चौधरी, और बसपा ने पहले शिवम कश्यप को टिकट दिया, फिर संजीव कुमार (नीटू) को मैदान में उतारा। यह उथल-पुथल केवल राजनीतिक स्वार्थों को उजागर करती है। पार्टियों का उद्देश्य नगर का विकास नहीं, बल्कि अपने एजेंडे को साधना है।
विगत वर्षों में लक्सर ने कई अध्यक्ष देखे, लेकिन स्थिति जस की तस है। भाजपा से चुनाव लड़ने वाले दो अध्यक्षों ने यहां की बागडोर संभाली, लेकिन क्या उनके कार्यों से नगरवासियों को राहत मिली?
शैक्षिक पिछड़ापन: युवाओं के सपनों पर चोट
लक्सर में शिक्षा का स्तर चिंताजनक है। सरकारी स्कूलों में संसाधनों की कमी और शिक्षकों की अनुपलब्धता ने बच्चों का भविष्य अंधकार में धकेल दिया है। निजी स्कूल महंगे हैं, जो आम आदमी की पहुंच से बाहर हैं। उच्च शिक्षा के लिए लक्सर के युवाओं को बड़े शहरों का रुख करना पड़ता है। लेकिन हर परिवार के पास इतनी आर्थिक सामर्थ्य नहीं होती।
सामाजिक पिछड़ापन: एकजुटता की कमी
लक्सर की जनता आज भी जाति, धर्म और राजनीतिक विभाजनों में बंटी हुई है। इन विभाजनों ने समाज को कमजोर कर दिया है। हर बार चुनाव में यह मुद्दे उठते हैं, लेकिन जनता इन्हें भूलकर वही पुरानी गलतियां दोहराती है।
एकजुटता के बिना विकास संभव नहीं। हमें समझना होगा कि जाति और धर्म से ऊपर उठकर नगर के समग्र विकास के लिए सोचने का समय आ गया है।
आर्थिक दुर्दशा: रोजगार की भी कमी
लक्सर की अर्थव्यवस्था ठप पड़ी है। उद्योग-धंधे यहां नहीं पनप पाए, जिससे युवाओं को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ता है। कृषि पर निर्भरता अधिक है, लेकिन यह भी आधुनिक तकनीकों के अभाव में पीछे है।
अगर सही नेतृत्व मिले, तो लक्सर में उद्योगों का विकास हो सकता है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और नगरवासियों का जीवन स्तर सुधरेगा।
बदलाव के लिया क्या कर सकते है लक्सर वासी?
अब समय आ गया है कि लक्सर के लोग जागें और अपने भविष्य के लिए सही निर्णय लें।
- सही उम्मीदवार चुनें: जो वादों पर नहीं, काम पर ध्यान दें। जो उम्मीदवार नगर के विकास के लिए प्रतिबद्ध हो, उसे वोट दें।
- जाति और धर्म से ऊपर उठें: ये मुद्दे केवल विभाजन का कारण बनते हैं। नगर का विकास प्राथमिकता होनी चाहिए।
- शिक्षा और रोजगार को प्राथमिकता दें: उम्मीदवार से सवाल करें कि वह शिक्षा और रोजगार के लिए क्या योजना लाएगा।
- पारदर्शिता की मांग करें: जनता को अपने नेताओं से हिसाब मांगने का हक है। इसलिए जब अब कोई भी नया अध्यक्ष बन जाएगा तो जनता को उस सवाल पूछना चाहिए और समय-समय पर अपने हक के बारे में जानना चाहिए कि आखिर सत्ता में बैठा व्यक्ति उनके लेकर क्या रहा है।
लक्सर का भविष्य जनता हाथ में है
लक्सर की पीड़ा केवल एक नगर की नहीं, बल्कि यहां के हर नागरिक की है। यह पीड़ा तभी समाप्त होगी जब हम अपनी जिम्मेदारी समझेंगे और सही उम्मीदवार का चयन करेंगे। यह चुनाव केवल वोट डालने का नहीं, बल्कि अपने भविष्य को बेहतर बनाने का मौका है।
जागो, लक्सरवासियों, और अपनी पीड़ा को अपनी ताकत बनाओ। सही निर्णय लो और लक्सर को उस विकास की राह पर ले चलो, जिसकी उसे सख्त जरूरत है।