सोशल मीडिया में लिखी एक पोस्ट में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा के पुरोला विधायक वन मंत्री के घर के आगे बैठकर विलाप कर रहे हैं कह रहे हैं कि मुझे एक नहीं कई बार जाति सूचक शब्दों से संबोधित करते हुए अपमानित किया गया है।
रावत ने कहा कि यदि मंत्री ने विधायक के लिए जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया है तो यह अत्यधिक गंभीर मामला है इससे राज्य की राजनीति शर्मिंदा हो रही है यदि विधायक ने गलत कहा है तो फिर विधायक को सार्वजनिक रूप से अपनी इस गलती के लिए माफी मांगनी चाहिए।
रावत ने कहा कि गलती किसी न किसी ने तो जरूर की है।
उन्होंने लिखा कि उन्हें क्षुब्ध होकर अपनी सोशल मीडिया पर लिखना पड़ रहा है।
हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन मंत्री सुबोध उनियाल और पुरोला के विधायक दुर्गेश्वर लाल को बुलाकर उनके बीच का जो मनमुटाव था उसको दूर कर दिया है।

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