हरिद्वार के प्रत्येक नागरिक को मूल निवास प्रमाण पत्र दे सरकार :- रविंद्र आनंद
“क्या हरिद्वारवासी उत्तराखंड के नागरिक नहीं ?—मूल निवास प्रमाण पत्र पर रविंद्र सिंह आनंद का सरकार से सीधा सवाल”
“लक्सर की उपेक्षा पर पूर्व राज्यमंत्री का हमला—न मेडिकल कॉलेज, न हॉस्पिटल, क्षेत्र अब भी पिछड़ा”
लक्सर। उत्तराखंड सरकार में पूर्व राज्य मंत्री रहे रविंद्र सिंह आनंद ने शुक्रवार को मीडिया कर्मियों के साथ साक्षात्कार किया। प्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने हरिद्वार जनपद के नागरिकों के मूल निवास प्रमाण पत्र के मुद्दे को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि धामी सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि हरिद्वार के लोग उत्तराखंड के निवासी है या नहीं, क्योंकि जिस प्रकार उन्हें मूल निवास प्रमाण पत्र के लिए भटकना पड़ रहा है, वह न केवल अन्यायपूर्ण बल्कि अस्वीकार्य भी है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार और मैदानी क्षेत्रों के लोगों के साथ यह सौतेला व्यवहार तुरंत बंद होना चाहिए और यदि सरकार ने समय रहते इस मुद्दे का समाधान नहीं किया तो मजबूरन उन्हें धरने -प्रदर्शन और भूख हड़ताल के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
रविंद्र ने सरकार से हरिद्वार के प्रत्येक निवासी को मूल निवास प्रमाण- पत्र प्रदान करने की मांग की। उन्होंने कहा मूल निवास प्रमाण पत्र हरिद्वार वासियो का अधिकार है यह अधिकार सरकार उनसे छीनना चाहती है। जो की अन्याय है और यह अन्याय वह नहीं होने देंगे।
साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकार लक्सर के विकास के लिए ठोस रोडमैप घोषित करे, मेडिकल कॉलेज व बड़े हॉस्पिटल की स्थापना करे और हरिद्वार के प्रत्येक नागरिक को मूल निवास प्रमाण पत्र सुनिश्चित कराए, क्योंकि यह जनता का अधिकार है न कि सरकार की कृपा।
उन्होंने आगे कहा कि हरिद्वार जनपद की लक्सर तहसील का विकास वर्षों से ठप पड़ा है और क्षेत्र आज भी स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं के अभाव में उसी दशा में खड़ा है जिसमें वो पाँच वर्ष पहले था। उन्होंने कहा कि लक्सर में न तो आज तक कोई बड़ा मेडिकल कॉलेज स्थापित किया गया और न ही आधुनिक सुविधा वाले किसी हॉस्पिटल का निर्माण हुआ, जिसके कारण क्षेत्र की आम जनता को छोटी से छोटी बीमारी के इलाज के लिए बाहर के शहरों का रुख करना पड़ता है और यह स्थिति जनता के जीवन पर सीधा खतरा बन चुकी है।
रविन्द्र आनंद ने आरोप लगाया कि पिछले तीन -चार वर्षों में क्षेत्रीय विधायक ने जनता की किसी भी समस्या को संजीदगी से नहीं लिया और केवल वोट बैंक की राजनीति कर जनता को भ्रमित किया है, जबकि लक्सर की वास्तविक समस्याएँ जस की तस पड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि लक्सर की अनदेखी ने इसे उत्तराखंड के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में धकेल दिया है, जहाँ विकास की कोई ठोस पहल दिखाई नहीं देती और जनता आज भी टूटी सड़कों, पानी की निकासी की समस्या कमजोर स्वास्थ्य ढांचे, सीमित शिक्षा सुविधाओं और रोजगार के अभाव में परेशान है।
उन्होंने कहा कि वे लक्सर और हरिद्वार की जनता की आवाज़ उठाते रहेंगे और जब तक क्षेत्र को उसका हक नहीं मिलता, उनका संघर्ष जारी रहेगा।
